Haryana Canal Patwari Notes for HSSC Exams Download – हरियाणा कनाल पटवारी नोट्स

Haryana Canal Patwari Notes for HSSC Exams Download – हरियाणा कनाल पटवारी नोट्स

दोस्तों हरियाणा में कनाल पटवारी के फॉर्म्स Canal Patwari Forms अभी निकले हुए थे जिसमे Haryana Canal Patwari Qualification ग्रेजुएशन थी यानि जिसने ग्रेजुएशन कर ली है वो ये फॉर्म भर सकते थे और जो व्यक्ति Appearing in Graduation है वो भी ये फॉर्म भर सकता है Haryana Canal Patwari Apply Online के लिए एक लिंक दिया हुआ है जिस पर क्लिक कर आप फॉर्म अप्लाई कर सकते हो Haryana Canal Patwari Exam Date 2021 की घोषणा बहुत जल्दी होने वाली है और आपका यह एग्जाम बहुत जल्दी ही होने वाला है इसलिए सभी बच्चों से अनुरोध है के वो मन लगाकर पढाई करे ताकि Haryana Canal Patwari Sarkari Result आये तब उनका सेलेक्शन हो सके Haryana Canal Patwari Admit Card भी जैसे ही आएंगे आपको इसी वेबसाइट पर सूचित कर दिया जाएगा अब हम इस पोस्ट में Haryana Canal Patwari Syllabus के बारे में पढ़ेंगे की क्या क्या आपके एग्जाम में आ सकता है।

Haryana Canal Patwari Notes PDF Download

Haryana Canal Patwari Notes in Hindi

सिंचाई विभाग का मुख्यालय : पंचकूला में है

हरियाणा की सबसे पुरानी नहर का नाम – पश्चिमी यमुना नहर

पश्चिमी यमुना नहर का निर्माण 1355 में फ़िरोज़शाह तुगलक ने करवाया था 1568 में पश्चिमी यमुना नहर को दुबारा अकबर ने बनवाया था और 1623 में भी शाहजहाँ ने पश्चिमी यमुना नहर का पुनःनिर्माण करवाया था। इस नहर का उपयोग 1817 से 1823 तक अंग्रेजो ने किया था

ये नहर ताजेवाला काम्प्लेक्स Complex यमुनानगर से निकलती है

Father of भाखड़ा बांध – सर छोटूराम को कहा जाता है

1944 में भाखड़ा बांध के लिए एग्रीमेंट साइन हुआ 1945 में फाइनल हुआ की भाखड़ा बांध बनाना है और 1963 में भाखड़ा बांध का निर्माण कार्य पूरा हुआ

1954 में नांगल नहर को भाखड़ा बांध के साथ मिलाया गया और तभी से यह बोला जाता है की हरियाणा की प्यासी धरती को पानी मिलना शुरू हो गया

भाखड़ा बांध सतलुज नदी पर बना हुआ है और हिमाचल और पंजाब की सीमा पर बना हुआ है

हरियाणा में सिंचाई जल आपूर्ति प्रणाली प्रमुख रूप से 3 है :

भाखड़ा नहर प्रणाली – 15.25 लाख हेक्टेयर भूमि पर इस प्रणाली के तहत सिंचाई की जाती है

पश्चिमी यमुना नहर प्रणाली – 4.68 लाख हेक्टेयर भूमि पर इस प्रणाली के तहत सिंचाई की जाती है

उठान सिंचाई प्रणाली – 3.31 लाख हेक्टेयर भूमि पर इस प्रणाली के तहत सिंचाई की जाती है

हरियाणा में कुल 1521 नहरें है जो 14125 किलोमीटर तक फैली हुई है

भाखड़ा नहर प्रणाली में 521 नहर आती है

उठान सिंचाई प्रणाली में 528 नहर आती है

पश्चिमी यमुना नहर प्रणाली में 472 नहरें आती है

हरियाणा में कुल सिंचित क्षेत्र – 23.36 लाख हेक्टेयर है इसमें से 0.12 लाख हेक्टेयर भूमि दिल्ली की भी आ जाती है तो अगर दिल्ली की भूमि को निकाल दिया जाये तो हरियाणा में कुल सिंचित क्षेत्र 23.24 है और अगर दिल्ली को मिला कर पूछा जाये तो हरियाणा में कुल सिंचित क्षेत्र 23.36 लाख हेक्टेयर है।

भाखड़ा नहर प्रणाली या भाखड़ा जल सेवा इकाई : इस के तहत 521 नहरें आती है

मुख्य नहरें – नांगल और भाखड़ा नहर

सिंचित क्षेत्र – अम्बाला , कुरुक्षेत्र , कैथल , जींद , सिरसा , हिसार , फतेहाबाद  ( इनमे कुल मिलाकर 5867 किलोमीटर के क्षेत्र में सिंचाई की जाती है)

भाखड़ा नहर प्रणाली या भाखड़ा जल सेवा इकाई के परिमंडल – 5 परिमंडल है, जिनमे  सिरसा , हिसार , फतेहाबाद , कैथल , अम्बाला है

उठान सिंचाई प्रणाली – इस के तहत 521 नहरें आती है कुल मिलाकर 3946 किलोमीटर के क्षेत्र में सिंचाई की जाती है

इस सिंचाई प्रणाली में पानी को 464 फुट ऊँचा उठाया जाता है और पानी को विपरीत दिशा में मोड़ दिया जाता है

सिंचित क्षेत्र – महेंद्रगढ़ , रेवाड़ी , गुडगाँव , झज्जर , रोहतक , भिवानी , चरखी दादरी में सिंचाई की जाती है

परिमंडल – 5 परिमंडल है जिनमे रेवाड़ी , झज्जर , रोहतक , भिवानी और नारनौल है

पश्चिमी यमुना नहर प्रणाली या पश्चिमी यमुना नहर जल सेवा इकाई –  इस के तहत 472 नहरें आती है कुल मिलाकर 4104 किलोमीटर के क्षेत्र में सिंचाई की जाती है

472 में से 14 नहर दिल्ली की भूमि की सिंचाई करती है जो दिल्ली के 0.12 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई करती है और 472 में से दिल्ली की 14 नहरें निकाल दी जाए तो इस प्रणाली के तहत 458 नहरें आती है

ये 14 नहरें यमुना जल परिमंडल दिल्ली के तहत , दिल्ली के 0.12 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई करती है

सिंचित क्षेत्र – रोहतक , भिवानी , जींद , करनाल , पानीपत , सोनीपत , यमुनानगर , और फरीदाबाद में सिंचाई की जाती है

परिमंडल – 7 परिमंडल है जिनमे भिवानी , जींद , करनाल , सोनीपत , फरीदाबाद , दिल्ली , और जगाधरी आते है

हरियाणा में कुल सिंचित क्षेत्र – 23.36 लाख हेक्टेयर है जो इन तीनो को जोड़कर होता है

भाखड़ा नहर प्रणाली – 15.25 लाख हेक्टेयर

पश्चिमी यमुना नहर प्रणाली – 4.68 लाख हेक्टेयर

उठान सिंचाई प्रणाली – 3.31 लाख हेक्टेयर

नहरों द्वारा सबसे अधिक सिंचाई वाले जिले कौन कौन से है ?

सिरसा – 5.12 लाख हेक्टेयर

हिसार – 4.87 लाख हेक्टेयर

जींद – 2.78 लाख हेक्टेयर

फतेहाबाद – 2.67 लाख हेक्टेयर

नहरों द्वारा सबसे कम सिंचाई वाला जिला – पंचकूला है

यमुना नदी – यह नदी उत्तराखंड के यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलती है जो बंदरपूछ नामक पीक पर है हरियाणा में यह नदी यमुनानगर के कलेशर से निकलती है जो हरियाणा का पूर्वी छोर है और यह नदी हरियाणा की और उत्तरप्रदेश की सीमाओं का निर्धारण करती है

हरियाणा में बहने वाली 12 माहसी नदी कौन सी है – यमुना नदी

हरियाणा की प्रमुख नदी कौन सी है – यमुना नदी

यमुना नदी कहाँ कहाँ बहती है – यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत, दिल्ली, फरीदाबाद, पलवल ( पलवल में हसनपुर तक )

हरियाणा में यमुना नदी की लम्बाई – 320 किलोमीटर ( हरियाणा के 6 जिलों में मिलाकर ) और ये नदी दिल्ली के हैदरपुर में जाकर ख़त्म हो जाती है

दिल्ली में ओखला बांध से एक नहर निकाली गयी है जिसका नाम है गुडगाँव नहर और इस गुडगाँव नहर से गुडगाँव और फरीदाबाद के 1.2 लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की जाती है

अनंगपुर बांध – यह बांध अंगपाल ने बनवाया था जो फरीदाबाद में है

हथिनी कुंड बैराज बांध – यह बांध 1996 में शुरू हुआ था और 1999 में बन कर तैयार हो गया था यह बांध ताजेवाला यमुनानगर में है

यमुना नदी की सहायक नदियाँ – गिरी, टोन्स, और सोम

गिरी नदी पर बना हुआ बांध – रेणुका बांध

टोन्स नदी पर बना हुआ बांध – किशाऊ बांध

सोम नदी पर बना हुआ बांध – पथराला बांध

यमुना नदी से ही पश्चिमी यमुना नहर निकली गयी है यमुनानगर से और यमुनानगर में ही 1873 में एक बांध बनाया गया था जिसका नाम था ताजेवाला बैराज

1879 में यमुना नदी से 2 नहरे निकाली गयी पहली नहर का नाम था पूर्वी यमुना नहर और दूसरी नहर का नाम था पश्चिमी यमुना नहर

ताजेवाला से कौन सी नहर निकाली गयी है – पश्चिमी यमुना नहर

हरियाणा की सबसे पुरानी और सबसे प्राचीन नहर कौन सी है –  पश्चिमी यमुना नहर (1879 में निकाली गयी थी)

पश्चिमी यमुना नहर की लम्बाई 325 किलोमीटर है जो 3200 किलोमीटर के क्षेत्र में सिचाई करती है

पश्चिमी यमुना नहर से कहाँ कहाँ सिचाई की जाती है – रोहतक, पानीपत , करनाल , अम्बाला , कुरुक्षेत्र , जींद , हिसार , सिरसा

पश्चिमी यमुना नहर की शाखाएँ – दिल्ली ब्रांच , हांसी ब्रांच , सिरसा ब्रांच

करनाल से 2012 में एक नहर निकाली गयी है जिसका नाम है मुनक नहर ये नहर करनाल से होती हुई दिल्ली जाती है ये नहर दिल्ली की लाइफलाइन मानी जाती है इस नहर पर हरियाणा और दिल्ली का विवाद चलता रहता है

भाखड़ा बांध :

भाखड़ा बांध – यह बांध सतलुज नदी पर है विलासपुर हिमाचल प्रदेश में

भाखड़ा बांध का निर्माण कार्य 1948 में शुरू हुआ था और 1963 में भाखड़ा बांध बन कर तैयार हुआ

भाखड़ा बांध की ऊंचाई – 741 फुट ( 226 मीटर )

भाखड़ा बांध की लम्बाई – 1700 फुट ( 520 मीटर )

नांगल बांध : यह बांध सतलुज नदी पर है रूपनगर पंजाब में और रूपनगर को रोपड़ भी कहते है तो ये रोपड़ में है बांध और इसी बांध से नांगल नहर निकाली गयी है

फतेहाबाद के टोहाना से नांगल नहर हरियाणा में प्रवेश करती है 1954 में नांगल नहर बनी थी और तभी से इसको भाखड़ा बांध में मिला दिया गया था

पुनरुथित भारत का आधुनिक मंदिर – भाखड़ा बांध को कहा जाता है

भाखड़ा बांध को पुनरुथित भारत का आधुनिक मंदिर पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा था

भारत का सबसे ऊँचा बांध – टेहरी बांध है जो 260 मीटर ऊँचा है और उत्तराखंड में है

भारत की सबसे लम्बी नहर – इंदिरा गाँधी नहर (इसको राजस्थानी नहर भी कहा जाता है)

हरियाणा में नहरों का शहर – टोहाना को कहा जाता है

टोहाना से 4 नहरें निकाली गयी है जिनके नाम निचे है :

लोहारू नहर सिंचाई योजना – यह नहर 225 किलोमीटर लम्बी है और इस नहर को इंदिरा गाँधी नहर भी बोला जाता है

भिवानी नहर सिंचाई योजना – यह नहर 220 किलोमीटर लम्बी है और इस नहर को B.N चक्रवर्ती नहर भी बोला जाता है

जुई नहर सिंचाई योजना – यह नहर 170 किलोमीटर लम्बी है और इस नहर को बंसीलाल नहर भी बोला जाता है

J.L.N नहर – इस नहर को जवाहर लाल नेहरू नहर बोला जाता है और इस नहर से महेंद्रगढ़ में सिंचाई की जाती है

इन चारो नहरों को नांगल नहर से निकला गया है और भाखड़ा और नांगल नहर मिलकर 6 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई करती है

नांगल नहर की शाखाएँ – नरवाना ( 2700 क्यूसिक ) और बरवाला ( 1700 क्यूसिक ) है

नांगल उत्थापक सिंचाई परियोजना के तहत किस जिले में सिंचाई की जाती है – अम्बाला में

नरवाना उत्थापक सिंचाई परियोजना के तहत किस जिले में सिंचाई की जाती है – जींद में

मेवात उत्थापक सिंचाई परियोजना के तहत किस जिले में सिंचाई की जाती है – मेवात में

दादूपर उत्थापक सिंचाई परियोजना के तहत किस जिले में सिंचाई की जाती है – कुरुक्षेत्र और यमुनानगर में

SYL सतलुज यमुना नहर – यह नहर 214 किलोमीटर लम्बी है और हरियाणा में इस नहर की लम्बाई 91 किलोमीटर है और पंजाब में 123 किलोमीटर

इस नहर में 7.2 MAF मिलियन एकड़ फुट पानी है जिसमे तय किया गया है की 3.5 MAF पानी हरियाणा उपयोग कर सकता है और 3.5 MAF पानी पंजाब उपयोग कर सकता है और 0.2 MAF पानी दिल्ली उपयोग कर सकता है

पानी के बटवारे को लेकर पहली बार समझौता 24 मार्च 1976 को हुआ था

CGWB Central Ground Water Board सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड :

यह भूजल से संबंधित रिपोर्ट जारी करता है 2017 में इसने भूजल से संबंधित रिपोर्ट जारी की थी आज हम उसको अच्छे से पढ़ेंगे

CGWB बोर्ड ये देखता है की भविष्य में कही पर भी पानी की कोई प्रॉब्लम तो नहीं होने वाली है, कितने जिलों में पर्याप्त पानी की मात्रा है और कितने जिलों में पानी की आवश्यकता है

CGWB बोर्ड ने 2017 में हरियाणा के 128 ब्लॉक का आकलन किया और देखा की कहा पर पानी की समस्या हो सकती है और कहा पर नहीं

78 ब्लॉक – Over Exploited पाये गए ( धरती से कुछ ज्यादा ही पानी निकाला जा रहा है )

3 ब्लॉक – क्रिटिकल पाये गए ( 90-100% पानी निकाला जा रहा है )

21 ब्लॉक – Semi Critical (70-90% पानी निकाला जा रहा है )

26 ब्लॉक – Safe Category ( 70% से कम पानी निकाला जा रहा है )

सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र : रेवाड़ी , महेंद्रगढ़ , गुडगाँव , फरीदाबाद , करनाल , पानीपत , कुरुक्षेत्र , सिरसा , फतेहाबाद

पुरे भारत में जल संरक्षण के लिए निम्न परियोजना चलायी जा रही है :

अटल भूजल योजना : यह 7 राज्यों में लागु की गयी है और इसकी शुरुआत 25 दिसंबर 2019 को हुई थी

यह योजना 2020 से 2025 तक चलेगी और कर्नाटक , महाराष्ट्र , गुजरात , राजस्थान , हरियाणा , उत्तरप्रदेश , और मध्य प्रदेश में लागु है

यह परियोजना इन 7 राज्यों के 78 जिलों में और 93 ब्लॉक में लागू की गयी है और अगर हरियाणा की बात करे तो हरियाणा के 13 जिलों में 36 ब्लॉक और 1895 ग्राम पंचायतो में लागु की गयी है

जल जीवन मिशन :  इसकी शुरुआत 15 अगस्त 2019 को हुई थी

इस योजना का प्रमुख उद्देश्य 2024 तक भारत के हर गांव में नल से जल पहुँचाना है और अगर हरियाणा की बात की जाये तो इस योजना का प्रमुख उद्देश्य 2022 तक हरियाणा के हर गांव में नल से जल पहुँचाना है

पंचकूला ऐसा पहला जिला है जिसको 100% नल से जल मिलता है और दूसरा अम्बाला

भारत में गोवा पहला ऐसा राज्य है जिसको 100% नल से जल मिलता है

जल शक्ति अभियान : इसकी शुरुआत 1 जुलाई 2019 को हुई थी

जल शक्ति मंत्रालय ने इसकी शुरुआत की थी गजेंद्र सिंह शेखावत ने इसको शुरू किया था

यह योजना जल संरक्षण की परियोजना है

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना : इसकी शुरुआत 1 जुलाई 2015 को हुई थी

इस योजना का नारा है – हर खेत को पानी

Haryana Canal Patwari Notes PDF Download

यह भी पढ़े – हरियाणा पंचायती राज

Haryana Current Affairs January 2021 PDF

Haryana Current Affairs February 2021 PDF

Haryana Current Affairs March 2021 PDF

Haryana Current Affairs April 2021 PDF

Haryana Current Affairs May 2021 PDF

26 thoughts on “Haryana Canal Patwari Notes for HSSC Exams Download – हरियाणा कनाल पटवारी नोट्स”

    • वेलकम रोहित, आपको हमारा ब्लॉग पढ़ा लेकिन बात यही खत्म हुई है अपनी तैयारी चालू रखिये और सपोर्ट करते रहिये

      Reply
  1. Respected Sir/Mam,

    I want PDF of Gram schiv , canal patwari, patwair with dharye ke notes required h. Please share notes my mail id is hemantbansal26@gmail.com and contact number is 9911050385. Sir ak baat or youtube per same aap vala contents utta rkka h. same copy.

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