Modern Indian History PDF Notes in Hindi for Exams – आधुनिक भारत का इतिहास पीडीऍफ़ नोट्स हिंदी में

Modern Indian History PDF Notes in Hindi for Exams – आधुनिक भारत का इतिहास पीडीऍफ़ नोट्स हिंदी में

उत्तराधिकार युद्ध में गुरु गोविन्द सिंह ने बहादुरशाह का साथ दिया था

मुगलो से स्वतंत्र होने वाले राज्य

अवध – सआदत खान

हैदराबाद – निजाम उल मुल्क

बंगाल – मुर्शिद कुली खां

कर्णाटक – सादतुल्ला खां

भरतपुर – चुरामन

बहादुर शाह का नाम मुअज्जम था और इनको शाह ऐ खबर के नाम से जाना जाता था

जहांदार शाह को लम्पट मुर्ख भी कहा जाता है

फरुख्शियर को मुग़ल वंश का घ्रणित राजा कहा जाता है

नादिर शाह को ईरान का नेपोलियन कहा जाता है

नादिर शाह तख्ते ताउस और कोहिनूर हिरा लेकर फारस वापिस लौटा था

तख्ते ताउस पर बैठने वाला अंतिम मुग़ल शासक मुहम्मद शाह था

बहादुर शाह 2 यानि बहादुर शाह जफ़र अंतिम मुग़ल सम्राट था

लाल किले में स्थित हीरा महल बहादुर शाह जफ़र ने बनवाया था

लाल किले में हयात बक्स बाग भी है

भारत में यूरोपीय कम्पनियों का आगमन

17 मई 1498 को वास्कोडिगामा भारत के पश्चिमी तट पर स्थित कालीकट बंदरगाह पंहुचा और उसने भारत और यूरोप के बीच नए समुंद्री मार्ग की खोज की

1505 में फ्रांसिस्को द अल्मेड़ा भारत में पहला पुर्तगाली वायसराय बनकर आया, पुर्तगालियों ने अपनी पहली व्यापारिक कोठी कोचीन में खोली

1596 में पहला डच यात्री कार्नेलियन हाउटमैन भारत पंहुचा
डचो ने भारत में अपनी पहली व्यापारिक कोठी 1605 में मसुलीपट्टम में खोली और दूसरी व्यापारिक कोठी पुलिकट में स्थापित की
ईस्ट इंडिया कंपनी का पहला गवर्नर टॉमस स्मिथ था

मुग़ल दरबार में जाने वाला पहला अंग्रेज़ कैप्टन हॉकिंस था जो जहाँगीर के दरबार में आया था

भारत में आने वाला पहला अंग्रेजी जहाज़ रेड ड्रैगन था

1611 में अंग्रेज़ो ने मसुलीपट्टम में अपनी पहली व्यापारिक कोठी स्थापित की

1613 में  अंग्रेज़ो ने सूरत में अपनी दूसरी व्यापारिक कोठी स्थापित की

भारत में फ़्रांसिसीयो की पहली व्यापारिक कोठी 1668 में सूरत में खोली गयी

पहला कर्णाटक युद्ध – 1746 से 1748 के बीच में हुआ और ऐ ला शापाल की संधि के तहत यह युद्ध खत्म हुआ

दूसरा कर्णाटक युद्ध – 1749 से 1754 के बीच में हुआ पॉंडिचेरी की संधि के साथ यह युद्ध ख़त्म हुआ

तीसरा कर्णाटक युद्ध – 1756 से  1763 के बीच में हुआ पेरिस की संधि के साथ यह युद्ध ख़त्म हुआ

1760 में अंग्रेजो ने वांडीवास की लड़ाई में  फ़्रांसिसीयो को बुरी तरह हराया

बंगाल पर अंग्रेजो का राज़

बंगाल का पहला नवाब – मुर्शिद कुली खां था जो 1713 से 1727 ईस्वी तक रहा और अंतिम नवाब मुबारक उदौला था

बंगाल को भारत का स्वर्ग कहा जाता था

20 जून 1756 को बंगाल में कालकोठरी की घटना हुई

प्लासी का युद्ध 23 जून 1757 को हुआ अंग्रेज़ो के सेनापति रोबर्ट कलाइव और बंगाल के नवाब सिराजुदौला के बीच में हुआ जिसमे सिराजुदौला के सेनापति मीर जाफ़र ने सिराजुदौला के साथ धोखा किया और अंग्रेज़ो का साथ दिया और सिराजुदौला को युद्ध में हरा दिया और अंग्रेज़ो ने मीर जाफ़र को बंगाल का नवाब बना दिया

मीर जाफ़र, रोबर्ट कलाइव के हाथो की कठपुतली था और इसको 1760 में हटा दिया गया और मीर जाफ़र के दामाद मीर कासिम को बंगाल का नवाब बना दिया

मीर कासिम ने अपनी राजधानी मुंगेर को बनाया

बंगाल की राजधानी क्रमानुसार – ढाका, मुर्शिदाबाद, और मुंगेर

1764 में बक्सर का युद्ध हुआ और अंग्रेज़ो एवं मीर कासिम और शुजाउदौला एवं शाह आलम द्वितीय के बीच में हुआ और इस युद्ध में अंग्रेज़ जीते और इस युद्ध में अंग्रेजो का सेनापति हेक्टर मुन्नरो था

अंग्रेजो के मैसूर से संबंध

1761 में हैदर अली मैसूर का शाशक बना और हैदर अली का उत्तराधिकारी उसका बीटा टीपू सुल्तान था
 टीपू ने अपनी राजधानी श्रीरंगपट्ट्नम में स्वतंत्रता का वृक्ष लगवाया और जैकोबिन क्लब का सदस्य बना

टीपू सुल्तान को शेर ऐ मैसूर भी कहा जाता है

पहला आंग्ल मैसूर युद्ध – 1767 – 1769 मद्रास की संधि के साथ खत्म हुआ

दूसरा आंग्ल मैसूर युद्ध – 1780 – 1784 मंगलोर की संधि के साथ खत्म हुआ
तीसरा आंग्ल मैसूर युद्ध – 1790 – 1792 श्रीरंगपट्ट्नम की संधि के साथ खत्म हुआ

सिक्ख और अंग्रेज़

सिक्ख सम्प्रदाय की स्थापना गुरु नानक ने की थी और गुरु नानक ने ही गुरु का लंगर नाम से मुफ्त भोजनालय स्थापित किये
1538 में करतारपुर में गुरु नानक की मृत्यु हो गयी

सिक्खो के दूसरे गुरु का नाम गुरु अंगद था और इन्होने ही गुरुमुखी लिपि का आरम्भ किया था

सिक्खो के चौथे गुरु रामदास हुए और गुरु रामदास ने अमृतसर नगर की स्थापना की

सिक्खो के पांचवे गुरु अर्जुन हुए और गुरु अर्जुन ने धार्मिक ग्रन्थ आदिग्रंथ की रचना की

सिक्खो के दसवे और अंतिम गुरु, गुरु गोविन्द सिंह हुए इनका जन्म 1666 में पटना में हुआ , गुरु गोविन्द सिंह खुद को सच्चा पादशाह कहते थे
गुरु गोविन्द सिंह फ़ारसी में ज़फरनामा लिखा करते थे

गुरु गोविन्द सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की 1699 में और पहल प्रणाली की शुरुआत भी गुरु गोविन्द सिंह ने की

बंदा बहादुर के बचपन का नाम लक्ष्मण दास था

अंग्रेज़ो और सिक्खो के बीच में हुई संधियाँ

9 मार्च 1846 को लाहौर की संधि हुई
22 दिसंबर 1846 को भैरोंवाल की संधि हुई
बंगाल के गवर्नर
रोबर्ट क्लाइव – 1757 से 1760 और फिर 1765 से 1767 तक यह बंगाल का गवर्नर रहा और इसने बंगाल में द्वैध शासन की व्यवस्था की
रेग्युलेटिंग एक्ट 1773 के तहत बंगाल के गवर्नर को अब गवर्नर जनरल कहा जाने लगा इस प्रकार भारत में कंपनी के अधीन आने वाला पहला गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग था जो 1774 से 1785 तक था
रेग्युलेटिंग एक्ट 1774 के तहत कोलकाता में एक उच्चतम न्यायालय की स्थापना की इसका मुख्य न्यायाधीश एलिज़ा इम्पे था 
1780 में भारत का पहला समाचार पत्र “द बंगाल गज़ट” का प्रकाशन जेम्स ऑगस्टस हिक्की ने किया
1781 में इसने कोलकाता में मुस्लिम शिक्षा के लिए पहला मदरसा खोला
1782 में जोनाथन डंकन ने बनारस में संस्कृत विश्वविधालय की स्थापना की
पहला और दूसरा आंग्ल मराठा युद्ध वारेन हेस्टिंग के समय में ही लड़े गए थे
टीपू सुल्तान चौथे आंग्ल मैसूर युद्ध 1799 में मारा गया था
1784 में वारेन हेस्टिंग के समय में ही पिट्स इंडिया एक्ट पारित हुआ था
वारेन हेस्टिंग के समय में ही बोर्ड ऑफ़ रेवेन्यू की स्थापना हुई
लार्ड कार्नवालिस – इनका समय 1786 से 1793 और फिर 1805 में
लार्ड कार्नवालिस को भारत में नागरिक सेवा का जनक माना जाता है
लार्ड विलियम बेंटिक – 1828 से 1835
1803 में यह मद्रास का पहला गवर्नर था
1833 में चार्टर एक्ट के तहत बंगाल के गवर्नर जनरल को अब भारत का गवर्नर जनरल बना दिया गया और इस प्रकार भारत का पहला गवर्नर जनरल लार्ड विलियम बेंटिक था
लार्ड विलियम बेंटिक ने राजाराम मोहन राय की मदद से 1829 में सती प्रथा को खत्म किया
लार्ड विलियम बेंटिक ने 1830 में स्लीमैन की मदद से ठगी प्रथा को खत्म किया
लार्ड विलियम बेंटिक ने शिशु बालिका की हत्या पर रोक लगाई और इनके ही समय में अंग्रेजी को शिक्षा का माध्यम बनाया गया
चार्ल्स मेटकॉफ – 1835 से 1836
इनको भारतीय प्रेस का मुक्तिदाता कहा जाता है

रविवार की छूटी की शुरुआत 1843 में हुई थी

लार्ड डलहौजी – 1848 से 1856

डलहौजी को भारत में रेलवे का जनक कहा जाता है और इन्ही के कारण भारत में पहली बार 16 अप्रैल 1853 को बम्बई से थाने के बीच में प्रथम रेल चलायी गयी 34 किलोमीटर तक.

1853 में कोलकाता और आगरा के बीच में पहली बार बिजली से संचालित तार सेवा शुरू की गयी

1853 से ही अधिकारियो की नियुक्ति के लिए प्रतियोगिता परीक्षा करवाई गयी जिसमे उम्र 18 से 23 वर्ष रखी गयी

सत्येंद्र नाथ टैगोर पहले भारतीय थे जिन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की यह परीक्षा लन्दन में हुई थी

1922 से सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन लन्दन और इलाहाबाद दोनों जगह करवाया गया

1854 में पहली बार पोस्ट ऑफिस एक्ट पारित हुआ और भारत में पहली बार डाक टिकट का प्रचलन शुरू हुआ

1854 में ही लोक सोवा विभाग की स्थापना हुई

डलहौजी ने नर बलि प्रथा को भी खत्म किया

लार्ड केनिंग – 1856 से 1862

कंपनी द्वारा नियुक्त यह अंतिम गवर्नर जनरल था और भारत का पहला वायसराय था

1856 में विधवा पुनर्विवाह को स्वतंत्र रूप से लागू किया गया, भारत में पहला क़ानूनी विधवा विवाह 7 दिसंबर 1856 में कोलकाता में ईश्वर चंद्र विधासागर और प्रेरणा के बीच हुआ

1857 की क्रांति इन्ही के समय में हुई थी

1857 में ही केनिंग के समय में महालेखा परीक्षक का पद बनाया गया

भारतीय शासन अधिनियम 1858 के तहत मुग़ल सम्राट के पद को खत्म कर दिया गया

लार्ड मेयो – 1869 से 1872

इसने 1872 में कृषि विभाग की स्थापना की

लार्ड नोर्थब्रुक – 1872 से 1876

पंजाब का प्रसिद्ध कूका आंदोलन इन्ही के समय में हुआ था

लार्ड लिटन – 1876 से 1880

मार्च 1878 में लार्ड लिटन ने भारतीय समाचार पत्र अधिनियम ( वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट )पारित कर भारतीय समाचार पत्रों पर प्रतिबंध लगाए

1878 में ही भारतीय शस्त्र अधिनियम पारित हुआ जिसके तहत शस्त्र रखने के लिए लाइसेंस को अनिवार्य कर दिया गया

लार्ड लिटन ने लोक सेवा सिविल परीक्षा में आवेदन करने की आयु सीमा को 21 वर्ष से घटाकर 19 वर्ष कर दिया गया

सिविल सेवा परीक्षा में आवेदन के लिए 1857 में 23 वर्ष निर्धारित की गयी 1859 में इसको 22 वर्ष किया गया और फिर 1866 में इसको 21 वर्ष किया गया

लार्ड रिपन – 1880 से 1884

इसने 1881 में भारत में सबसे पहले जनगणना करवाई लेकिन इसमें हैदराबाद और राजपूताने को नहीं जोड़ा गया

1881 में ही रिपन ने भारत में पहला कारखाना अधिनियम बनाया

इसने 1882 में भारतीय समाचार पत्र अधिनियम ( वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट ) को खत्म कर दिया और सिविल सेवा परीक्षा में आवेदन करने की आयु सीमा को फिर से 21 वर्ष कर दिया

इसने स्थानीय स्वशासन की शुरुआत की 1882 को स्थानीय स्वशासन संबंधी एक कानून बनाया

फ्लोरेंस नाईटएंगेल ने रिपन को भारत का उद्धारक की संघा दी

लार्ड डफरिन – 1884 से 1888 तक

इनके समय की सबसे महत्वपूर्ण घटना थी 28 दिसंबर 1885 को बम्बई में ए-ओ-ह्यूम द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना

लार्ड कर्जन – 1899 से 1905

1899 में कर्जन ने अंग्रेजी स्वर्ण मुद्रा को भारत की क़ानूनी मुद्रा घोषित किया

1901 में कर्जन ने सिंचाई आयोग, पुलिस आयोग, रेलवे आयोग, विश्वविधालय आयोग की स्थापना की

1901 में ही कृषि इंस्पेक्टर जनरल की नियुक्ति की गयी

1904 कर्जन के समय में ही भारतीय पुरातत्व विभाग की स्थापना की गयी और कृषि बैंक भी खुलवाए

1905 में बंगाल का विभाजन इन्ही के समय में हुआ था

लार्ड मिन्टो द्वितीय – 1905 से 1910 तक
इनके समय में आगा खां और सलीम उल्ला खां ने ढाका में मुस्लिम लीग की स्थापना की और 1907 में कांग्रेस के सूरत के अधिवेशन में कांग्रेस का विभाजन हुआ

लार्ड होर्डिंग द्वितीय – 1910 से 1916 तक

1912 में दिल्ली भारत की राजधानी बानी और इन्ही के समय में 28 जुलाई 1914 को पहला विश्व युद्ध हुआ
1916 में लार्ड होर्डिंग को बनारस हिन्दू कॉलेज का कुलाधिपति बनाया गया

लार्ड चेम्सफोर्ड – 1916 से 1921 तक

इनके समय में कांग्रेस का लखनऊ अधिवेशन हुआ और कांग्रेस फिर से इक्कठी हुई और कांग्रेस का मुस्लिम लीग के साथ समझौता हुआ
1919 में रोलेट एक्ट पारित हुआ
इन्ही के समय में 1919 में जलियावाला बाग़ हत्याकांड हुआ
खिलाफत आंदोलन और गांधी जी का असहयोग आंदोलन इसी के समय में हुआ

लार्ड रीडिंग – 1921 से 1926 तक

1921 में मोपला विद्रोह हुआ
1923 में चितरंजन दास और मोतीलाल नेहरू ने इलाहाबाद में कांग्रेस के अंतर्गत स्वराज्य पार्टी की स्थापना की

लार्ड इरविन – 1926 से 1931 तक

3 फरवरी 1928 को साइमन कमीशन भारत बम्बई आया
12 नवंबर 1930 में पहला गोलमेज़ सम्मलेन हुआ
4 मार्च 1931 को गाँधी इरविन समझौता हुआ

लार्ड वेलिंग्टन – 1931 – 1936 तक

7 सितम्बर से 1 दिसम्बर 1931 को दूसरा गोलमेज़ सम्मलेन हुआ
17 नवम्बर 24 1932 तक लंदन में तीसरा गोलमेज़ सम्मलेन हुआ
भारत सरकार अधिनियम 1935 पास किया गया

लार्ड लीनलिथगो – 1936 से 1943 तक

इनके समय में पहली बार चुनाव कराए गए
1 सितम्बर 1939 को दूसरा विश्व युद्ध शुरू हुआ
मार्च 1942 में क्रिप्स कमीशन भारत आया
9 अगस्त 1942 को भारत छोडो आंदोलन शुरू हुआ इसे अगस्त क्रांति के नाम से भी जाना जाता है

लार्ड माउंटबेटन – 1947 से 1948

स्वतंत्र भारत का पहला गवर्नर जनरल लार्ड माउन्टबेटन था
स्वतंत्र भारत का पहला और अंतिम भारतीय गवर्नर जनरल राजगोपालाचार्य थे

1857 की क्रांति

1856 में अंग्रेज़ो ने अपनी पुराणी बन्दुक की जगह पर नई ऍनफील्ड राइफल को प्रयोग में लाना शुरू किया
1857 की क्रांति का मुख्य कारण चर्बी वाला कारतूस था

10 मई 1857 को इस क्रांति की शुरुआत हुई

1857 की क्रांति के समय भारत का गवर्नर जनरल लार्ड केनिंग था और इंग्लैंड के प्रधान मंत्री पर्मस्टेन थे
1857 के मामले की जांच के लिए पील कमीशन को नियुक्त किया गया

भारत का स्वतंत्रता संघर्ष

1887 में दादा भाई नैरोजी ने इंग्लैंड में भारतीय सुधार समिति की स्थापना की

ब्रिटिश हाउस ऑफ़ कॉमन्स का चुनाव लड़ने वाले सर्वप्रथम   दादा भाई नैरोजी थे

लार्ड कर्जन ने 20 जुलाई 1905 को बंगाल विभाजन की घोषणा की

7 अगस्त 1905 को बंगाल विभाजन के विरोध में स्वदेशी आंदोलन हुआ कोलकाता के टाउन हॉल में
16 अक्टूबर 1905 को बंगाल विभाजन हो ही गया
स्वदेशी आंदोलन के समय पर ही रविंद्र नाथ टैगोर ने अपना प्रसिद्ध गीत आमार सोनार बांग्ला लिखा जो बाद में बांग्लादेश का राष्ट्रीय गीत बन गया
रविंद्र नाथ टैगोर को तूफानी हिन्दू कहा जाने लगा

बाल गंगाधर तिलक ने 28 अप्रैल 1916 को पूना में होमरूल लीग की स्थापना की

ऐनी बिसेन्ट ने भी सितम्बर 1916 में मद्रास में होमरूल लीग की स्थापना की  और जॉर्ज अरुण्डेल को इसका सचिव बनाया

1916 में ही गांधी जी ने अहमदाबाद में साबरमती आश्रम की स्थापना की

गांधी जी ने सत्याग्रह का सबसे पहले प्रयोग दक्षिण अफ्रीका में किया था भारत में सत्याग्रह का सबसे पहले प्रयोग 1917 में चंपारण में किया गया
19 मार्च 1919 को रोलेट एक्ट लागू हुआ

13 अप्रैल 1919 को अमृतसर में जलियांवाला बाग़ हत्याकांड हुआ उस समय में पंजाब के गवर्नर सर माइकल ओ डायर था

17 अक्टूबर 1919 को पुरे देश में खिलाफत दिवस मनाया गया

1 अगस्त 1920 को  गांधी जी ने असहयोग आंदोलन शुरू किया

असहयोग आंदोलन में सबसे पहले गिरफ्तार होने वाले मुहम्मद अली थे

5 फरवरी 1922 को गोरखपुर में चोरा-चारी कांड हुआ

1924 में कांग्रेस के बेलगांव अधिवेशन में गांधी जी अध्यक्ष चुने गए ये जिंदगी में केवल एक बार ही अध्यक्ष चुने गए थे

अशफाक उल्ला खां पहले भारतीय क्रांतिकारी थे जो देश की स्वतंत्रता के लिए फांसी पर चढ़ गए

1926 में भारतीय महिला संघ स्थापित हुआ

3 फरवरी 1928 को साइमन कमीशन भारत आया और इस कमिशन को वाइट मैन कमीशन भी कहते है

1929 के लाहौर अधिवेशन में कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज का लक्ष्य घोषित किया

26 जनवरी 1930 को प्रथम स्वाधीनता दिवस मनाने का निश्चय किया गया

4  मार्च 1931 को गांधी इरविन एक्ट पारित हुआ जिसे दिल्ली समझौता के नाम से भी जाना जाता है

12 नवंबर 1930 को पहला गोलमेज़ सम्मलेन हुआ

7 सितम्बर 1931 को दूसरा गोलमेज़ सम्मलेन हुआ जिसमे गांधी जी ने भाग लिया था

17 नवंबर 1932 को तीसरा गोलमेज़ सम्मलेन हुआ

तीनो गोलमेज़ सम्मलेन के दौरान इंग्लैंड के प्रधानमंत्री जेम्स रैम्जे मैक्डोनाल्ड थे

डॉक्टर भीमराव आंबेडकर तीनो गोलमेज़ सम्मलेन में भाग लेने वाले व्यक्ति थे

23 मार्च 1931 को भगत सिंह सुखदेव राजगुरु को फ़ासी दी गयी

मई 1934 में कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी का गठन हुआ

11 अप्रैल 1936 को भारतीय किसान सभा का गठन हुआ

सुभाष चंद्र बोस ने जो आर्मी बनायीं थी उसका नाम था फ्री इंडियन लीजन

9 अगस्त 1942 को गांधी जी ने भारत छोड़ो आंदोलन को शुरू किया और करो या मारो का नारा दिया

आज़ाद हिन्द फ़ौज की सफलता का श्रेय रासबिहारी बोस को दिया जाता है

अक्टूबर 1943 में सुभाष चंद्र बोस को आज़ाद हिन्द फ़ौज का सर्वोच्च सेनापति बनाया गया

आज़ाद हिन्द फ़ौज में 3 ब्रिगेड बनायीं गयी जिनका नाम सुभाष ब्रिगेड, नेहरू ब्रिगेड और महिलाओ के लिए लक्ष्मीबाई रेजिमेंट था

8 नवंबर 1943 को जापान ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह सुभाष चंद्र बोस को सौप दिए और सुभाष चंद्र बोस को ने इनका नाम शहीद द्वीप और स्वराज द्वीप रखा

सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक ओडिशा में हुआ

24 मार्च 1946 को कैबिनेट मिशन दिल्ली आया

भारत की आज़ादी के समय इंग्लैंड का सम्राट जॉर्ज षष्टम था

कांग्रेस का पहला ब्रिटिश अध्यक्ष जॉर्ज यूल थे

भारत, भारतीयों के लिए है ये नारा आर्य समाज ने दिया

1893 में स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन को सम्बोधित किया

सबसे काम उम्र में फ़ासी पाने वाला क्रांतिकारी खुदीराम बोस था

इंकलाब जिंदाबाद का नारा भगत सिंह ने दिया और भगत सिंह को शहीद ऐ आज़म के नाम से भी जाना जाता है

भगत सिंह को फांसी की सजा सुनाने वाला न्यायाधीश जी-सी-हिल्टन था

रविंद्र नाथ टैगोर ने गांधी को सबसे पहले महात्मा कहा

सुभाष चंद्र बोस ने गांधी को सबसे पहले राष्ट्रपिता कहा

एडोल्फ हिटलर ने सुभाष चंद्र बोस को सबसे पहले नेताजी कहा

गांधी जी ने वल्लभ भाई पटेल को सरदार की उपाधि दी, वल्लभ भाई पटेल  को भारत का बिस्मार्क भी कहा जाता है

महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु गोपाल कृष्ण गोखले था

सुभाष चंद्र बोस के राजनीतिक गुरु का नाम देशबंधु चितरंजन दास थे

भारत का पितामह दादाभाई नैरोजी को कहा जाता है और इनको ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ़ इंडिया कहा जाता है

गोपाल हरि देशमुख को लोकहितवादी कहा जाता है

सुरेन्द्रनाथ बनर्जी को बिना ताज़ का बादशाह कहा जाता है

ऐ ओ ह्यूम को हरमिट ऑफ़ शिमला कहा जाता है

कांग्रेस के पहले मुस्लिम अध्यक्ष बदरुद्दीन तैयबजी था

1919 में खिलाफत आंदोलन की शुरुआत मुहम्मद अली और शौक़त अली ने की

गांधी जी ने क्रिप्स प्रस्ताव को पोस्ट डेटेड चेक कहा

1828 में ब्रह्म समाज की स्थापना की गयी

1867 में प्रार्थना समाज की स्थापना की गयी

1867 में ही वेद समाज की स्थापना की गयी

1875 में आर्य समाज की स्थापना की गयी

1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना की गयी

1887 में देव समाज की स्थापना की गयी

1897 में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की गयी

1905 के बंग भंग आंदोलन या स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत हुई

1906 में मुस्लिम लीग की स्थापना की गयी

1907 में कांग्रेस का विभाजन हुआ

1915 में हिन्दू महासभा की स्थापना की गयी

1916 में होमरूल लीग की स्थापना की गयी

1917 में मांटेग्यू घोषणा हुई

1919 में खिलाफत आंदोलन शुरू हुआ

1919 में रोलेट एक्ट पारित हुआ

1919 में खिलाफत आंदोलन हुआ

1919 में जलियांवाला बाग़ हत्याकांड हुआ

1920 में असहयोग आंदोलन हुआ

1922 में चौरा चौरी कांड हुआ

1923 में स्वराज पार्टी की स्थापना की गयी

1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की गयी

1928 में साइमन कमीशन भारत आया

1928 में बारदोली सत्याग्रह हुआ

1930 में नमक सत्याग्रह हुआ

1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन हुआ

1930 में पहला गोलमेज़ सम्मलेन हुआ

1931 में दूसरा गोलमेज़ सम्मलेन हुआ समझौता हुआ

1931 में गांधी इरविन समझौता हुआ

1932 में हरिजन सेवक संघ की स्थापना की गयी

1932 में पूना पैक्ट समझौता हुआ

1932 में तीसरा गोलमेज़ सम्मलेन हुआ

1942 में आज़ाद हिन्द फ़ौज की स्थापना की गयी

1942 में भारत छोड़ो प्रस्ताव लाया गया

1943 में आज़ाद हिन्द सरकार की स्थापना की गयी

1947 में माउंटबेटन योजना शुरू की गयी

1951 में भूदान आंदोलन हुआ

Leave a Comment

error: Content is protected !!