Sayyid Dynasty Founder Period – सैयद वंश संस्थापक पीडीऍफ़ (1414-1451)

Sayyid Dynasty Founder Period – सैयद वंश संस्थापक पीडीऍफ़ (1414-1451)

हेलो दोस्तों, आप जिस किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे है उन सब परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए ये नोट्स तैयार किये गए है आप इन नोट्स को पढ़ कर अपना सिलेक्शन पक्का कर सकते है किसी भी सरकारी नौकरी के पद के लिए। तो आइये दोस्तों शुरू करते है पढ़ाई। आज हम पढ़ेंगे Sayyid Dynasty यानि सैय्यद वंश के बारे में की गुलाम वंश कब से शुरू हुआ और कब तक चला और सैय्यद वंश के महत्वपूर्ण शासक कौन कौन थे और सैय्यद वंश में जो भी शासक हुए उनका कार्यकाल कब से लेकर कब तक था। इन सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओं को हम विस्तार से पढ़ेंगे क्योंकि आने वाले एग्जाम में प्रश्न कही से भी पूछ सकते है तो इसलिए हमे अपनी तैयारी अच्छे से करनी है

खिज्र खान ने सैय्यद वंश की स्थापना की थी और 1414 में दिल्ली की गद्दी पर बैठा।

तैमूर ने भारत में बहुत से प्रदेश जीते थे और उन जीते हुए प्रदेशों में से कुछ की कमान खिज्र खान को दे दी थी। यानि कुछ प्रदेशों का राजा खिज्र खान को बनाया गया। क्योकि खिज्र खान ने तैमूर की मदद की थी जब तैमूर ने भारत पर आक्रमण किये।

खिज्र खान ने सुल्तान की उपाधि ग्रहण नहीं की और “रैयत ऐ आला” की उपाधि ग्रहण की।

खिज्र खान के समय में दिल्ली की हालत बहुत खराब थी और सिक्के समाप्त हो चुके थे। 

खिज्र खान के समय में खुत्बा तैमूर के नाम से पढ़ा जाता था और तैमूर के बाद शाहरुख़ अगला राजा बना था यानि तैमूर का उतराधिकारी शाहरुख़ था। तो बाद में खुत्बा शाहरुख़ के नाम से पढ़ा जाने लगा।

खिज्र खान के भी 3 उतराधिकारी रहे थे।

मुबारक शाह

मुहम्मद शाह

आलम शाह

मुबारक शाह – मुबारक शाह का कार्यकाल 1421 से 1433 तक रहा। मुबारक शाह ने अपने नाम के सिक्के चलवाये और पूरी तरह से वैधानिक राजा के रूप में कार्य किया या शासन किया।

मुबारक शाह के साथ रहकर ही “याहिया बिन सरहिंदी” ने “तारीख ऐ मुबारक़शाही” की रचना की।

मुबारक शाह ने भटिंडा और दोआब के विद्रोह को सफलता पूर्वक दबा दिया लेकिन खोखर जाती के नेता जसरत ने जो विद्रोह किया था उसको मुबारक शाह दबा नहीं पाया।

नोट – खोखर जाती के नेता जसरत ने किसके समय में विद्रोह किया था तो जवाब होगा मुबारक शाह के समय में।

मुबारक शाह ने यमुना नदी के किनारे मुबारकाबाद शहर की स्थापना की और जब मुबारक शाह इस शहर को देखने जा रहा था तो इसके ही वजीर साखरुलमुल्क ने कुछ हिन्दू और कुछ मुस्लिम सरदारों के साथ मिलकर मुबारक शाह की हत्या कर दी।

मुबारक शाह के बाद अगला राजा बना मुहम्मद शाह और अब जान लेते है मुहम्मद शाह के बारे में।

मुबारक शाह – मुहम्मद शाह का कार्यकाल 1433 से 1443 तक रहा । मुहम्मद शाह, मुबारक शाह का भतीजा था। 

मुहम्मद शाह का असली नाम मुहम्मद बिन फरीद खान था ।

मुहम्मद शाह ने बहलोल लोदी को “खानेखाना” की उपाधि दी थी।

मुहम्मद शाह के बाद अगला राजा आलम शाह बना और अब हम जानेंगे आलम शाह के बारे में

आलम शाह – आलम शाह का कार्यकाल 1443 से 1451 तक रहा। आलम शाह का पूरा नाम अलाउद्दीन आलम शाह था।

आलम शाह को सैय्यद वंश का अंतिम शासक माना जाता है।

आलम शाह के वजीर का नाम हामिद खान था। हामिद खान और आलम शाह की आपस में बनती नहीं थी इसलिए आलम शाह दिल्ली छोड़ कर बदायू चला गया और हामिद खान ने 1451 में दिल्ली का राज बहलोल लोदी को सौंप दिया।

आलम शाह की मृत्यु 1476 में बदायू में हुई और इस तरह से सैय्यद वंश का अंत हुआ।

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