Modern Indian History PDF Notes in Hindi for Exams – आधुनिक भारत का इतिहास पीडीऍफ़ नोट्स हिंदी में
उत्तराधिकार युद्ध में गुरु गोविन्द सिंह ने बहादुरशाह का साथ दिया था
मुगलो से स्वतंत्र होने वाले राज्य
अवध – सआदत खान
हैदराबाद – निजाम उल मुल्क
बंगाल – मुर्शिद कुली खां
कर्णाटक – सादतुल्ला खां
भरतपुर – चुरामन
बहादुर शाह का नाम मुअज्जम था और इनको शाह ऐ खबर के नाम से जाना जाता था
जहांदार शाह को लम्पट मुर्ख भी कहा जाता है
फरुख्शियर को मुग़ल वंश का घ्रणित राजा कहा जाता है
नादिर शाह को ईरान का नेपोलियन कहा जाता है
नादिर शाह तख्ते ताउस और कोहिनूर हिरा लेकर फारस वापिस लौटा था
तख्ते ताउस पर बैठने वाला अंतिम मुग़ल शासक मुहम्मद शाह था
बहादुर शाह 2 यानि बहादुर शाह जफ़र अंतिम मुग़ल सम्राट था
लाल किले में स्थित हीरा महल बहादुर शाह जफ़र ने बनवाया था
लाल किले में हयात बक्स बाग भी है
भारत में यूरोपीय कम्पनियों का आगमन
1505 में फ्रांसिस्को द अल्मेड़ा भारत में पहला पुर्तगाली वायसराय बनकर आया, पुर्तगालियों ने अपनी पहली व्यापारिक कोठी कोचीन में खोली
मुग़ल दरबार में जाने वाला पहला अंग्रेज़ कैप्टन हॉकिंस था जो जहाँगीर के दरबार में आया था
भारत में आने वाला पहला अंग्रेजी जहाज़ रेड ड्रैगन था
1611 में अंग्रेज़ो ने मसुलीपट्टम में अपनी पहली व्यापारिक कोठी स्थापित की
1613 में अंग्रेज़ो ने सूरत में अपनी दूसरी व्यापारिक कोठी स्थापित की
भारत में फ़्रांसिसीयो की पहली व्यापारिक कोठी 1668 में सूरत में खोली गयी
पहला कर्णाटक युद्ध – 1746 से 1748 के बीच में हुआ और ऐ ला शापाल की संधि के तहत यह युद्ध खत्म हुआ
दूसरा कर्णाटक युद्ध – 1749 से 1754 के बीच में हुआ पॉंडिचेरी की संधि के साथ यह युद्ध ख़त्म हुआ
तीसरा कर्णाटक युद्ध – 1756 से 1763 के बीच में हुआ पेरिस की संधि के साथ यह युद्ध ख़त्म हुआ
1760 में अंग्रेजो ने वांडीवास की लड़ाई में फ़्रांसिसीयो को बुरी तरह हराया
बंगाल पर अंग्रेजो का राज़
बंगाल का पहला नवाब – मुर्शिद कुली खां था जो 1713 से 1727 ईस्वी तक रहा और अंतिम नवाब मुबारक उदौला था
बंगाल को भारत का स्वर्ग कहा जाता था
20 जून 1756 को बंगाल में कालकोठरी की घटना हुई
प्लासी का युद्ध 23 जून 1757 को हुआ अंग्रेज़ो के सेनापति रोबर्ट कलाइव और बंगाल के नवाब सिराजुदौला के बीच में हुआ जिसमे सिराजुदौला के सेनापति मीर जाफ़र ने सिराजुदौला के साथ धोखा किया और अंग्रेज़ो का साथ दिया और सिराजुदौला को युद्ध में हरा दिया और अंग्रेज़ो ने मीर जाफ़र को बंगाल का नवाब बना दिया
मीर जाफ़र, रोबर्ट कलाइव के हाथो की कठपुतली था और इसको 1760 में हटा दिया गया और मीर जाफ़र के दामाद मीर कासिम को बंगाल का नवाब बना दिया
मीर कासिम ने अपनी राजधानी मुंगेर को बनाया
बंगाल की राजधानी क्रमानुसार – ढाका, मुर्शिदाबाद, और मुंगेर
1764 में बक्सर का युद्ध हुआ और अंग्रेज़ो एवं मीर कासिम और शुजाउदौला एवं शाह आलम द्वितीय के बीच में हुआ और इस युद्ध में अंग्रेज़ जीते और इस युद्ध में अंग्रेजो का सेनापति हेक्टर मुन्नरो था
अंग्रेजो के मैसूर से संबंध
टीपू सुल्तान को शेर ऐ मैसूर भी कहा जाता है
पहला आंग्ल मैसूर युद्ध – 1767 – 1769 मद्रास की संधि के साथ खत्म हुआ
सिक्ख और अंग्रेज़
सिक्ख सम्प्रदाय की स्थापना गुरु नानक ने की थी और गुरु नानक ने ही गुरु का लंगर नाम से मुफ्त भोजनालय स्थापित किये
1538 में करतारपुर में गुरु नानक की मृत्यु हो गयी
सिक्खो के दूसरे गुरु का नाम गुरु अंगद था और इन्होने ही गुरुमुखी लिपि का आरम्भ किया था
सिक्खो के चौथे गुरु रामदास हुए और गुरु रामदास ने अमृतसर नगर की स्थापना की
सिक्खो के पांचवे गुरु अर्जुन हुए और गुरु अर्जुन ने धार्मिक ग्रन्थ आदिग्रंथ की रचना की
सिक्खो के दसवे और अंतिम गुरु, गुरु गोविन्द सिंह हुए इनका जन्म 1666 में पटना में हुआ , गुरु गोविन्द सिंह खुद को सच्चा पादशाह कहते थे
गुरु गोविन्द सिंह फ़ारसी में ज़फरनामा लिखा करते थे
बंदा बहादुर के बचपन का नाम लक्ष्मण दास था
अंग्रेज़ो और सिक्खो के बीच में हुई संधियाँ
रविवार की छूटी की शुरुआत 1843 में हुई थी
लार्ड डलहौजी – 1848 से 1856
डलहौजी को भारत में रेलवे का जनक कहा जाता है और इन्ही के कारण भारत में पहली बार 16 अप्रैल 1853 को बम्बई से थाने के बीच में प्रथम रेल चलायी गयी 34 किलोमीटर तक.
1853 से ही अधिकारियो की नियुक्ति के लिए प्रतियोगिता परीक्षा करवाई गयी जिसमे उम्र 18 से 23 वर्ष रखी गयी
सत्येंद्र नाथ टैगोर पहले भारतीय थे जिन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की यह परीक्षा लन्दन में हुई थी
1922 से सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन लन्दन और इलाहाबाद दोनों जगह करवाया गया
1854 में पहली बार पोस्ट ऑफिस एक्ट पारित हुआ और भारत में पहली बार डाक टिकट का प्रचलन शुरू हुआ
1854 में ही लोक सोवा विभाग की स्थापना हुई
डलहौजी ने नर बलि प्रथा को भी खत्म किया
लार्ड केनिंग – 1856 से 1862
कंपनी द्वारा नियुक्त यह अंतिम गवर्नर जनरल था और भारत का पहला वायसराय था
1856 में विधवा पुनर्विवाह को स्वतंत्र रूप से लागू किया गया, भारत में पहला क़ानूनी विधवा विवाह 7 दिसंबर 1856 में कोलकाता में ईश्वर चंद्र विधासागर और प्रेरणा के बीच हुआ
1857 की क्रांति इन्ही के समय में हुई थी
1857 में ही केनिंग के समय में महालेखा परीक्षक का पद बनाया गया
भारतीय शासन अधिनियम 1858 के तहत मुग़ल सम्राट के पद को खत्म कर दिया गया
लार्ड मेयो – 1869 से 1872
इसने 1872 में कृषि विभाग की स्थापना की
लार्ड नोर्थब्रुक – 1872 से 1876
पंजाब का प्रसिद्ध कूका आंदोलन इन्ही के समय में हुआ था
लार्ड लिटन – 1876 से 1880
मार्च 1878 में लार्ड लिटन ने भारतीय समाचार पत्र अधिनियम ( वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट )पारित कर भारतीय समाचार पत्रों पर प्रतिबंध लगाए
1878 में ही भारतीय शस्त्र अधिनियम पारित हुआ जिसके तहत शस्त्र रखने के लिए लाइसेंस को अनिवार्य कर दिया गया
लार्ड लिटन ने लोक सेवा सिविल परीक्षा में आवेदन करने की आयु सीमा को 21 वर्ष से घटाकर 19 वर्ष कर दिया गया
सिविल सेवा परीक्षा में आवेदन के लिए 1857 में 23 वर्ष निर्धारित की गयी 1859 में इसको 22 वर्ष किया गया और फिर 1866 में इसको 21 वर्ष किया गया
लार्ड रिपन – 1880 से 1884
इसने 1881 में भारत में सबसे पहले जनगणना करवाई लेकिन इसमें हैदराबाद और राजपूताने को नहीं जोड़ा गया
1881 में ही रिपन ने भारत में पहला कारखाना अधिनियम बनाया
इसने 1882 में भारतीय समाचार पत्र अधिनियम ( वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट ) को खत्म कर दिया और सिविल सेवा परीक्षा में आवेदन करने की आयु सीमा को फिर से 21 वर्ष कर दिया
इसने स्थानीय स्वशासन की शुरुआत की 1882 को स्थानीय स्वशासन संबंधी एक कानून बनाया
लार्ड डफरिन – 1884 से 1888 तक
इनके समय की सबसे महत्वपूर्ण घटना थी 28 दिसंबर 1885 को बम्बई में ए-ओ-ह्यूम द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना
लार्ड कर्जन – 1899 से 1905
1899 में कर्जन ने अंग्रेजी स्वर्ण मुद्रा को भारत की क़ानूनी मुद्रा घोषित किया
1901 में कर्जन ने सिंचाई आयोग, पुलिस आयोग, रेलवे आयोग, विश्वविधालय आयोग की स्थापना की
1901 में ही कृषि इंस्पेक्टर जनरल की नियुक्ति की गयी
1904 कर्जन के समय में ही भारतीय पुरातत्व विभाग की स्थापना की गयी और कृषि बैंक भी खुलवाए
1905 में बंगाल का विभाजन इन्ही के समय में हुआ था
लार्ड होर्डिंग द्वितीय – 1910 से 1916 तक
लार्ड चेम्सफोर्ड – 1916 से 1921 तक
लार्ड रीडिंग – 1921 से 1926 तक
लार्ड इरविन – 1926 से 1931 तक
लार्ड वेलिंग्टन – 1931 – 1936 तक
लार्ड लीनलिथगो – 1936 से 1943 तक
लार्ड माउंटबेटन – 1947 से 1948
1857 की क्रांति
10 मई 1857 को इस क्रांति की शुरुआत हुई
भारत का स्वतंत्रता संघर्ष
1887 में दादा भाई नैरोजी ने इंग्लैंड में भारतीय सुधार समिति की स्थापना की
लार्ड कर्जन ने 20 जुलाई 1905 को बंगाल विभाजन की घोषणा की
बाल गंगाधर तिलक ने 28 अप्रैल 1916 को पूना में होमरूल लीग की स्थापना की
1916 में ही गांधी जी ने अहमदाबाद में साबरमती आश्रम की स्थापना की
13 अप्रैल 1919 को अमृतसर में जलियांवाला बाग़ हत्याकांड हुआ उस समय में पंजाब के गवर्नर सर माइकल ओ डायर था
17 अक्टूबर 1919 को पुरे देश में खिलाफत दिवस मनाया गया
1 अगस्त 1920 को गांधी जी ने असहयोग आंदोलन शुरू किया
असहयोग आंदोलन में सबसे पहले गिरफ्तार होने वाले मुहम्मद अली थे
5 फरवरी 1922 को गोरखपुर में चोरा-चारी कांड हुआ
1924 में कांग्रेस के बेलगांव अधिवेशन में गांधी जी अध्यक्ष चुने गए ये जिंदगी में केवल एक बार ही अध्यक्ष चुने गए थे
अशफाक उल्ला खां पहले भारतीय क्रांतिकारी थे जो देश की स्वतंत्रता के लिए फांसी पर चढ़ गए
1926 में भारतीय महिला संघ स्थापित हुआ
3 फरवरी 1928 को साइमन कमीशन भारत आया और इस कमिशन को वाइट मैन कमीशन भी कहते है
1929 के लाहौर अधिवेशन में कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज का लक्ष्य घोषित किया
26 जनवरी 1930 को प्रथम स्वाधीनता दिवस मनाने का निश्चय किया गया
4 मार्च 1931 को गांधी इरविन एक्ट पारित हुआ जिसे दिल्ली समझौता के नाम से भी जाना जाता है
12 नवंबर 1930 को पहला गोलमेज़ सम्मलेन हुआ
7 सितम्बर 1931 को दूसरा गोलमेज़ सम्मलेन हुआ जिसमे गांधी जी ने भाग लिया था
17 नवंबर 1932 को तीसरा गोलमेज़ सम्मलेन हुआ
तीनो गोलमेज़ सम्मलेन के दौरान इंग्लैंड के प्रधानमंत्री जेम्स रैम्जे मैक्डोनाल्ड थे
डॉक्टर भीमराव आंबेडकर तीनो गोलमेज़ सम्मलेन में भाग लेने वाले व्यक्ति थे
23 मार्च 1931 को भगत सिंह सुखदेव राजगुरु को फ़ासी दी गयी
मई 1934 में कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी का गठन हुआ
11 अप्रैल 1936 को भारतीय किसान सभा का गठन हुआ
सुभाष चंद्र बोस ने जो आर्मी बनायीं थी उसका नाम था फ्री इंडियन लीजन
9 अगस्त 1942 को गांधी जी ने भारत छोड़ो आंदोलन को शुरू किया और करो या मारो का नारा दिया
आज़ाद हिन्द फ़ौज की सफलता का श्रेय रासबिहारी बोस को दिया जाता है
अक्टूबर 1943 में सुभाष चंद्र बोस को आज़ाद हिन्द फ़ौज का सर्वोच्च सेनापति बनाया गया
आज़ाद हिन्द फ़ौज में 3 ब्रिगेड बनायीं गयी जिनका नाम सुभाष ब्रिगेड, नेहरू ब्रिगेड और महिलाओ के लिए लक्ष्मीबाई रेजिमेंट था
8 नवंबर 1943 को जापान ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह सुभाष चंद्र बोस को सौप दिए और सुभाष चंद्र बोस को ने इनका नाम शहीद द्वीप और स्वराज द्वीप रखा
सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक ओडिशा में हुआ
24 मार्च 1946 को कैबिनेट मिशन दिल्ली आया
भारत की आज़ादी के समय इंग्लैंड का सम्राट जॉर्ज षष्टम था
कांग्रेस का पहला ब्रिटिश अध्यक्ष जॉर्ज यूल थे
भारत, भारतीयों के लिए है ये नारा आर्य समाज ने दिया
1893 में स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन को सम्बोधित किया
सबसे काम उम्र में फ़ासी पाने वाला क्रांतिकारी खुदीराम बोस था
इंकलाब जिंदाबाद का नारा भगत सिंह ने दिया और भगत सिंह को शहीद ऐ आज़म के नाम से भी जाना जाता है
भगत सिंह को फांसी की सजा सुनाने वाला न्यायाधीश जी-सी-हिल्टन था
रविंद्र नाथ टैगोर ने गांधी को सबसे पहले महात्मा कहा
सुभाष चंद्र बोस ने गांधी को सबसे पहले राष्ट्रपिता कहा
एडोल्फ हिटलर ने सुभाष चंद्र बोस को सबसे पहले नेताजी कहा
गांधी जी ने वल्लभ भाई पटेल को सरदार की उपाधि दी, वल्लभ भाई पटेल को भारत का बिस्मार्क भी कहा जाता है
महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु गोपाल कृष्ण गोखले था
सुभाष चंद्र बोस के राजनीतिक गुरु का नाम देशबंधु चितरंजन दास थे
भारत का पितामह दादाभाई नैरोजी को कहा जाता है और इनको ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ़ इंडिया कहा जाता है
गोपाल हरि देशमुख को लोकहितवादी कहा जाता है
सुरेन्द्रनाथ बनर्जी को बिना ताज़ का बादशाह कहा जाता है
ऐ ओ ह्यूम को हरमिट ऑफ़ शिमला कहा जाता है
कांग्रेस के पहले मुस्लिम अध्यक्ष बदरुद्दीन तैयबजी था
1919 में खिलाफत आंदोलन की शुरुआत मुहम्मद अली और शौक़त अली ने की
गांधी जी ने क्रिप्स प्रस्ताव को पोस्ट डेटेड चेक कहा
1828 में ब्रह्म समाज की स्थापना की गयी
1867 में प्रार्थना समाज की स्थापना की गयी
1867 में ही वेद समाज की स्थापना की गयी
1875 में आर्य समाज की स्थापना की गयी
1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना की गयी
1887 में देव समाज की स्थापना की गयी
1897 में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की गयी
1905 के बंग भंग आंदोलन या स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत हुई
1906 में मुस्लिम लीग की स्थापना की गयी
1907 में कांग्रेस का विभाजन हुआ
1915 में हिन्दू महासभा की स्थापना की गयी
1916 में होमरूल लीग की स्थापना की गयी
1917 में मांटेग्यू घोषणा हुई
1919 में खिलाफत आंदोलन शुरू हुआ
1919 में रोलेट एक्ट पारित हुआ
1919 में खिलाफत आंदोलन हुआ
1919 में जलियांवाला बाग़ हत्याकांड हुआ
1920 में असहयोग आंदोलन हुआ
1922 में चौरा चौरी कांड हुआ
1923 में स्वराज पार्टी की स्थापना की गयी
1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की गयी
1928 में साइमन कमीशन भारत आया
1928 में बारदोली सत्याग्रह हुआ
1930 में नमक सत्याग्रह हुआ
1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन हुआ
1930 में पहला गोलमेज़ सम्मलेन हुआ
1931 में दूसरा गोलमेज़ सम्मलेन हुआ समझौता हुआ
1931 में गांधी इरविन समझौता हुआ
1932 में हरिजन सेवक संघ की स्थापना की गयी
1932 में पूना पैक्ट समझौता हुआ
1932 में तीसरा गोलमेज़ सम्मलेन हुआ
1942 में आज़ाद हिन्द फ़ौज की स्थापना की गयी
1942 में भारत छोड़ो प्रस्ताव लाया गया
1943 में आज़ाद हिन्द सरकार की स्थापना की गयी
1947 में माउंटबेटन योजना शुरू की गयी
1951 में भूदान आंदोलन हुआ