Matrak S.I Units of Physical Quantity – भौतिक राशियाँ और उनके S.I मात्रक एवं मापन

Matrak S.I Units of Physical Quantity – भौतिक राशियाँ और उनके S.I मात्रक एवं मापन

हेलो दोस्तों, आज हम पढ़ेंगे की मात्रक किसे कहते है, मात्रक कितने प्रकार के होते है, मात्रक की कितनी पद्तियाँ होती है, भौतिक राशियां क्या होता है, भौतिक राशियां कितने प्रकार की होती है अदिश और सदिश राशि किसे कहते है, दुरी, चाल, विस्थापन, वेग, त्वरण, संवेग, आवरण, अपकेंद्रीय और अभिकेंद्रिय बल किसे कहते है।

मात्रक किसे कहते है – किसी राशि को मापने के लिए निर्देश मानक को मात्रक कहते है

दूसरे शब्दों में, किसी भी राशि को मापने के लिए उसी राशि के एक परिमाण को मानक मान लिया जाता है और उसे एक नाम दे दिया जाता है जिसे मात्रक कहते है।

भौतिक राशियाँ क्या होती है – भौतिकी के नियमो को जिन राशियों के पदों में व्यक्त किया जाता है उनको भौतिक राशियाँ कहते है और ये 2 प्रकार की होती है।

1) अदित राशियाँ – ये वे राशियाँ होती है जिनमे केवल परिमाण (Magnitude) होता है, दिशा (Direction) नहीं होती जैसे – कार्य, समय, चाल, द्रवमान, तापमान, विधुत धारा

2) सदिश राशियाँये वे राशियाँ होती है जिनमे परिमाण (Magnitude) के साथ साथ दिशा (Direction) भी होती है जैसे – बल, वेग, संवेग, त्वरण, विस्थापन

Types of Matrak मात्रक के प्रकार

मात्रक 2 प्रकार के होते है – मूल मात्रक और सम्पूरक मात्रक

मूल मात्रक : मूल मात्रक ऐसे मात्रक होते है जिनको आसानी से ज्ञात किया जा सकता है

मूल मात्रक संख्या में 7 होते है – मीटर, किलोग्राम, सेकण्ड, केल्विन, ऐम्पियर, कैंण्डला, मोल

लम्बाई का मात्रक : मीटर

द्रवमान का मात्रक : किलोग्राम

समय का मात्रक : सेकण्ड

ताप का मात्रक : केल्विन

विधुत धारा का मात्रक : ऐम्पियर

ज्योति का मात्रक : कैंण्डला

पदार्थ का परिमाण : मोल

सम्पूरक मात्रक 2 होते है – रेडियन और स्टेरेडियन

समतल कोण का मात्रक : रेडियन

धन कोण का मात्रक : स्टेरेडियन

System of Unites मात्रक की पद्धतियां

मात्रक की 4 पद्धतियां होती है – CGS , FPS , MKS , S.I Units

CGS – Centimetre Gram Second System

FPS – Foot, Pound, Second System

MKS – Metre Kilogram Second System

S.I – International System of Units

कुछ अन्य मात्रक :

दूरी का मात्रक : प्रकाशवर्ष (दूरी को मापने की सबसे बड़ी इकाई पारसेक है)

बल का मात्रक : न्यूटन

कार्य का मात्रक : जूल

यह भी पढ़े : कार्य ऊर्जा और शक्ति

विस्थापन का मात्रक : मीटर

चाल का मात्रक : मीटर/सेकण्ड

वेग का मात्रक :  मीटर/सेकण्ड

त्वरण का मात्रक : मीटर/सेकेण्ड2

संवेग का मात्रक : किलोग्राम * मीटर/सेकण्ड

आवेग का मात्रक : न्यूटन सेकण्ड

व्युत्पन्न मात्रक : ये ऐसे मात्रक है जिनको मूल मात्रको के सहयोग से या सहायता से ज्ञात किये जाते है उनको व्युत्पन्न मात्रक कहते है

व्युत्पन्न मात्रक के उदाहरण : आयतन, क्षेत्रफल, और चाल

कुछ महत्वपूर्ण मात्रक :

पारसेक

प्रकाश वर्ष

सौर दिवस

फैदम

समुंद्री मील

खगोलीय इकाई

केल्विन

एम्पेयर

आइये अब हम इन सबके बारे में जान लेते है

पारसेक – 1 पारसेक = 3.26 प्रकाशवर्ष

प्रकाश वर्ष – प्रकाश ने एक वर्ष में जितनी दुरी तय की है, उस दुरी को प्रकाश वर्ष कहा जाता है

प्रकाश वर्ष का मान – 9.46 × 10^15 किलोमीटर

सौर दिवस – हर दिन जब दोपहर के 2 बजते है तो उसको ही सौर दिवस कहा जाता है

दूसरे शब्दों में ये कह सकते है की जब सूर्य की किरणे धरती या पृथ्वी पर लम्ब्वत हो तो ऐसी स्थितयों के बीच के समय को सौर दिवस कहा जाता है

1 सौर दिवस का मान – 86400 सेकण्ड

फैदम – समुन्द्र की गहराई को मापने के लिए फैदम का उपयोग किया जाता है

1 फैदम – 6 फिट

1 केवल – 100 फैदम

समुंद्री मील – समुन्द्र की सतह की दुरी मापने के लिए समुंद्री मील का प्रयोग किया जाता है

1 समुद्री मील – 1852 मीटर

खगोलीय इकाई – 1 साल में पृथ्वी और सूर्य के बीच औसत दुरी के मात्रक को खगोलीय इकाई कहा जाता है

एक खगोलीय मात्रक – 1.496 × 10^9 मीटर

दूरी किसे कहते है  – किसी दिए गए समय में, एक वस्तु के द्वारा तय की गयी मार्ग रास्ते की लम्बाई को दूरी कहते है

चाल किसे कहते है – किसी वस्तु द्वारा प्रति सेकण्ड तय की गयी दूरी को चाल कहते है

विस्थापन किसे कहते है – एक निश्चित दिशा में दो बिन्दुओं के बीच की दूरी को विस्थापन कहते है

वेग किसे कहते है – किसी वस्तु के विस्थापन की दर को वेग कहते है, दूसरे शब्दों में कहे तो , एक निश्चित दिशा में किसी वस्तु द्वारा प्रति सेकण्ड तय की गयी दूरी को वेग कहते है

त्वरण किसे कहते है – किसी वस्तु के वेग में परिवर्तन की दर को त्वरण कहते है

संवेग किसे कहते है – किसी वस्तु के द्रव्यमान और वेग के गुणनफल को, उस वस्तु का संवेग कहते है

अगर बात की जाये तो जब एक हलकी वस्तु और एक भारी वास्तु एक समान वेग से चल रही हो तो भारी वस्तु को रोकने के लिए अधिक बल की जरुरत पड़ेगी और हलकी वस्तु को रोकने के लिए कम बल की जरुरत पड़ेगी

संवेग एक सदिश राशि है और इसको p से दिखाया जाता है

p = m * v (p = m x v)

जहा पर p संवेग होता है, m द्रव्यमान होता है और v उस वस्तु का वेग होता है।

संवेग को न तो बनाया जा सकता और न ही नष्ट किया जा सकता है, संवेग केवल एक पिंड से दूसरे पिंड में स्थानांतरण हो जाता है।

आवेग किसे कहते है – जब कोई बड़ा बल किसी वस्तु पर थोड़े समय के लिए काम करता है तो बल और समय के गुणनफल को उस बल का आवेग कहते है

किसी भी आवेग का मान धनात्मक ऋणात्मक और शून्य ये तीनो हो सकता है।

अभिकेन्द्रिय बल : जब कोई वस्तु किसी वृताकार रास्ते पर चलती है तो उस पर एक बल लगता है जो वृत के केंद्र की ओर काम करता है अगर ये बल ना हो या इस बल को ना लगाया जाये तो वस्तु वृताकार रास्ते पर नहीं चल सकती

अपकेन्द्रीय बल : इस बल की दिशा अभिकेन्द्रिय बल के विपरीत होती है जैसे कपडे सुखाने की मशीन ओर दूध से मक्खन निकलने की मशीन अपकेन्द्रीय बल के उदाहरण है

दोस्तों उम्मीद है आपको यह पोस्ट अच्छी लगी होगी और आपको, मात्रक क्या होते है मात्रक कितने प्रकार के होते है अदिश और सदिश राशियां क्या होती है, भौतिक राशियां क्या होती है अपकेंद्रीय और अभिकेंद्रिय बल क्या होते है ये कैसे कार्य करते है इन सबके में जानकारी मिली होगी अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो कृप्या इस पोस्ट को शेयर जरूर करे अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ जो आने वाली प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हो।

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