Lodi Vansh Dynasty First Founder Ruler Period – लोदी वंश संस्थापक (1451-1526)

Lodi Vansh Dynasty First Founder Ruler Period – लोदी वंश संस्थापक (1451-1526)

हेलो दोस्तों, आप जिस किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे है उन सब परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए ये नोट्स तैयार किये गए है आप इन नोट्स को पढ़ कर अपना सिलेक्शन पक्का कर सकते है किसी भी सरकारी नौकरी के पद के लिए। तो आइये दोस्तों शुरू करते है पढ़ाई। आज हम पढ़ेंगे Lodi Vansh यानि लोदी वंश के बारे में की गुलाम वंश कब से शुरू हुआ और कब तक चला और लोदी वंश के महत्वपूर्ण शासक कौन कौन थे और लोदी वंश में जो भी शासक हुए उनका कार्यकाल कब से लेकर कब तक था। इन सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओं को हम विस्तार से पढ़ेंगे क्योंकि आने वाले एग्जाम में प्रश्न कही से भी पूछ सकते है तो इसलिए हमे अपनी तैयारी अच्छे से करनी है

लोदी वंश भारत का पहला अफगान वंश माना जाता है।

बहलोल लोदी (1451-1489) – लोदी वंश का संस्थापक बहलोल लोदी था। दिल्ली की गद्दी पर बैठने वाला यह पहला अफगान शासक था।

बहलोल लोदी ने अपने नाम के सिक्के भी चलवाये।

बहलोल लोदी ने जौनपुर के राजा हुसैन शाह को हराया और जौनपुर को दिल्ली सल्तनत में मिलाया।

बहलोल लोदी सुल्तान यानि राजा बनने से पहले सरहिंद का सूबेदार था।

बहलोल लोदी अपने अफगान सरदारों की बहुत इज्जत करता था और अपने अफगानी सरदारों को “मकसदे आलो” कहकर बुलाता था।

बहलोल लोदी जब ग्वालियर से दिल्ली लौट रहा था तो उसे लू लग गयी और वह बीमार हो गया और 12 जून 1489 को बहलोल लोदी की मृत्यु हो गयी।

सिकंदर लोदी (1489-1517) – यह बहलोल लोदी का बेटा था।

बहलोल लोदी के मृत्यु के बाद उसका बेटा सिकंदर लोदी दिल्ली की गद्दी पर बैठा।

सिकंदर लोदी, लोदी वंश का सबसे शक्तिशाली राजा था।

सिकंदर लोदी का मूल नाम निजाम खान था और इसने सिकंदर लोदी की उपाधि ली थी।

सिकंदर लोदी का एक और नाम गुलरुखी था और गुलरुखी नाम से ही वह फ़ारसी भाषा में कविताएं लिखा करता था।

सिकंदर लोदी के काल में ही संगीत की पुस्तक “लज्जते सिकन्दरी” की रचना हुई।

सिकंदर लोदी ने भूमि को मापने का एक पैमाना दिया जिसका नाम था “गज़ ऐ सिकन्दरी“. इसमें 32 अंक होते थे।

सिकंदर लोदी ने कुशल सैन्य और गुप्तचर प्रणाली का गठन किया था।

सिकंदर लोदी ने 1504 ईस्वी में आगरा शहर की स्थापना की। और 1506 ईस्वी में आगरा को इसने अपनी राजधानी बना लिया था।

आगरा की स्थापना का मुख्य उद्देश्य राजस्थान के राजाओ पर अपना अधिकार बनाये रखना था। और व्यापारिक मार्गो पर कण्ट्रोल करना था

सिकंदर लोदी ने एक आयुर्वेदिक ग्रन्थ का फ़ारसी में अनुवाद किया जिसका नाम फरहँगे सिकन्दरी रखा गया था।

सिकंदर लोदी ने ब्राह्मणो से दुबारा जजिया कर लेना शुरू कर दिया था।

सिकंदर लोदी ने एक ब्राह्मण को सिर्फ इसलिए फांसी दे दी क्योकि उसने कहा था की हिन्दू और मुस्लिम धर्म समान रूप से पवित्र है। उस ब्राह्मण का नाम बोधन था।

सिकंदर लोदी की मृत्यु 21 नवम्बर 1517 को आगरा में हुई थी।

इब्राहिम लोदी (1517-1526) – इब्राहिम लोदी, सिकंदर लोदी का बेटा था।

सिकंदर लोदी की मृत्यु के बाद उसका बेटा इब्राहिम लोदी दिल्ली की गद्दी पर बैठा।

इब्राहिम लोदी, लोदी वंश का आखिरी शासक था।

इब्राहिम लोदी, युद्ध के मैदान में मारे जाने वाला दिल्ली का पहला राजा (शासक) था।

इब्राहिम लोदी 1526 ईस्वी में पानीपत के पहले युद्ध में बाबर के हाथो मारा गया।

Leave a Comment

error: Content is protected !!